शैलेश गुप्ता कोरिया /सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा विगत दिनों विकासखण्ड सोनहत के आदिवासी बालक आश्रम मझ्ाारटोला का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान आश्रम में प्रभारी अधीक्षक श्री उमाशंकर राजवाड़ें अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये, आश्रम में साफ-सफाई का अभाव, मीनू के आधार पर भोजन नही मिलना, अधीक्षक के द्वारा आश्रम परिसर में रात्रि निवास नही किया जाना पाया गया। उनका यह कृत्य स्वेच्छाचारिता एवं लापरवाही पूर्ण होकर सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियत 3 में के प्रावधानों के विपरित है।
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने श्री उमाशंकर राजवाड़े, आश्रम अधीक्षक मूलपद- प्रधानपाठक, को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में श्री उमाशंकर राजवाड़े का मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सोनहत नियत किया गया है एवं इन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।