क्या ? कोरिया सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से नहीं संभल रहे कोरिया जिले के हॉस्टल…

बच्चों से जुड़े कई संवेदनशील मामले आए सामने लेकिन इनपर आजतक नहीं हुई कोई कार्रवाई
कोरिया जिले में छात्रावासों की स्थिति पूरी तरह बेलगाम हो चुकी है । मामले उजागर होते है तो निचले स्तर के जिम्मेदार दोषियों पर निलंबित की कार्यवाही के बाद सब कुछ ठंडे बस्ते में तब्दील हो जाता है। और अगली घटना का इंतजार शुरू हो जाता है। कभी कोई ठोस कार्यवाही इनके मुखिया सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पर संबंधित विभाग की ओर से न ही शासन स्तर से देखने को मिली जिससे छात्रावास या अध्यनरत छात्र खबरों की सुर्खियां न बन सके। कभी अधीक्षक शराब के नशे में ड्यूटी निभाते है तो कभी छात्र अवैध वसूली की शिकायत पर कार्यवाही न होने से नाराज हो कर सड़क पर उतर कर चक्का जाम कर प्रदर्शन करने सड़क पर बैठ जाते है। हद तो तब हुई जब एक नाबालिक छात्रा प्रेग्नेंट हो गई और हॉस्टल में ही गर्भपात हो गया इतने मामले बिसरे नही की हाल ही में एक बालक छात्रावास में प्यून ने 9 वर्षीय बालक का 8 महीने से यौन शोषण करता रहा ही । जिसकी शिकायत ज़ब थाने में दर्ज हुई तब कहीं जाकर संबंधित विभाग के अधिकारी नींद से जागे और पहले प्यून और बाद में अधीक्षिका को निलंबित कर दिया । तमाम हादसे होते रहे पर बड़े जिम्मेदार पर एक्शन लेने में शासन प्रशासन के हाथ पाँव फूल रहे हैं छात्रावास में रह रहे छात्र कही न कही प्रताड़ित है। इस लिए हम कह रहे की सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से हॉस्टलों की स्थिति सम्हल नही रही बच्चों की सुरक्षा,भोजन व्यवस्था और कर्मचारी पर लगाम की कसावट ही नही ला पा रही है।
बालक आश्रम मझारटोला का मामला-
सोनहत विकासखण्ड के वनांचल दूरस्थ इलाके पर मौजूद बालक आश्रम मझारटोला में जब 21 सितंबर 2024 को मीडिया की टीम पहुची थी तब अधीक्षक हॉस्टल से नदारत थे। और प्यून शराब के नशे में बच्चों को खिचड़ी नुमा पिला चावल परोस कर खिला रहे थे। मीडिया कर्मी ने कोरिया कलेक्टर के संज्ञान में मामले को लाया जिस पर तत्काल एक्सन लेते हुए कोरिया कलेक्टर ने जांच के लिए सहा आयुक्त को निर्देशित किया जांच सही पाई गई और अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया ।
छात्रा ने हॉस्टल में बच्चे को दिया था जन्म-
घटना कोरिया जिले के सोनहत विकास खण्ड स्थित एकलव्य कन्या छात्रावास का मामला जहाँ 1 मार्च 2024 को ये खबर प्रकाशित हुई जिसमें छात्रावास में रह रही नाबालिक छात्रा गर्भवती हो गई । और हॉस्टल में ही गर्भपात हो गया । जांच हुई दोषियों पर कार्यवाही हुई अधीक्षिका को निलंबित किया गया।
छात्रावास के बच्चों ने किया था चक्का जाम-
4 सितंबर 2024 को कोरिया जिले के बैकुंठपुर आदिवासी पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास के रहवासी करीब 70 छात्रों ने सुबह डीईओ कार्यालय के सामने सड़क पर उतर कर चक्काजाम कर दिया कुछ 4 दिनों पूर्व छात्रावास अधीक्षक द्वारा छात्रों से सामान उपयोग के नाम पर एक एक हजार रुपए अवैध रूप से वसूली की जा रही थी जिसके खिलाफ छात्रों ने सोसल मीडिया के माध्यम से विरोध किया था साँथ ही अपर कलेक्टर को शिकायत पत्र दिया था । प्रशासनिक स्तर से कार्यवाही शून्य होता देख छात्र आज सड़क की लड़ाई पर उतरे और जम कर प्रदर्शन किया। बाद में जांच हुई और अधीक्षक निलंबित हुए।
और अभी हाल में कटगोड़ी बालक आश्रम का प्यून छात्रावास के नौ वर्षीय बालक से पिछले आठ माह से यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार हुआ है अब यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि छात्रावास की अधिक्षिका को आठ माह से चल रहे खेल के बारे में कैसे खबर नहीं हुई और समय समय पर निरिक्षण करने वाले विभागीय अधिकारीयों को भी इसकी भनक नहीं लगी तमाम संवेदनशील हादसों से यही साबित होता है कि सहायक आयुक्त(AC) से न हॉस्टल सम्हल रहा न उनके खुद के कर्मचारी परिजनों मे भी कही न कही बच्चों को लेकर भय व्याप्त है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस भी शिक्षक को आश्रम अधीक्षक बनना होता है मुखिया को मोटा कमीशन देकर सीधे स्कूल के गुरूजी से प्रभारी आश्रम अधीक्षक बन जाता है ऐसे शिक्षकों को अधीक्षक बनाने से पहले जिम्मेदार यह भी नहीं देखते की संबंधित स्कूल के बच्चों की पढ़ाई कितनी प्रभावित होगी ऐसे कई प्रभारी अधीक्षक हैं जो आशर्मो में मलाई खा रहे हैं और संबंधित स्कूल से हर महीने का पेमेंट उठा रहे हैं इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हाथ खड़े करते नजर आते हैं उनका कहना है की हमें जिस शिक्षक का नाम सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा भेजा जाता है हम उन्हें उपलब्ध करा देते हैं लेकिन उनका पेमेंट उसी स्कूल से बनता है कुल मिलाकर कहना गलत नहीं होगा की ऊपर से ही सिस्टम भ्रष्ट है तो निचले स्तर पर तो भ्रष्टाचार की गंगा बहेगी ही अब देखना है कि इतने संवेदनशील मामले उजागर होने के बाद क्या जिला प्रशासन सम्बन्धित सहायक आयुक्त पर कोई ठोस कार्यवाही करता है या फिर उनकी मनमानी चलने देता है।