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जीरो टॉलरेंस की नीति पर साय सरकार इरादों पर सेंध लगाते सोनहत जनपद सीईओ,5 प्रतिशत घुस मांगे जाने का आरोप…

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राशि की मांग सुन कर बिफरे उप सरपंच किया विरोध, प्रेस नोट जारी कर जनपद सीईओ सोनहत के खिलाफ खोला मोर्चा

कार्यवाही नही होने पर जनपद पंचायत घेराव की रणनीति तैयार करते स्थानीय जनप्रतिनिधि उग्र आंदोलन की चेतावनी
कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड के ग्राम पंचायत चकडांड़ के नव निर्वाचित उप सरपंच कन्हेया कुमार जायसवाल ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) सोनहत पर घुसखोरी की मांग का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सीईओ ने पंचायत के कार्यों से संबंधित फाइलों के लिए उनसे पैसे की मांग की, जो कि प्रशासनिक नैतिकता के खिलाफ है।
 घटना का विवरण
कन्हेया कुमार जायसवाल ने बताया कि जब वह अपने पंचायत के कुछ कार्यों की फाइलें लेकर सीईओ के चेंबर में गए, तो सीईओ ने उनके साथ अभद्रता की। उन्होंने कहा, “सीईओ ने मुझसे पूछा कि मैं कौन हूं और फाइलें किसने दीं। जब मैंने बताया कि मैं पंचायत का प्रतिनिधि हूं, तो उन्होंने कहा कि मुझे फाइलों को छूने का अधिकार नहीं है।”
इसके बाद, सीईओ ने फाइलों के लिए कमीशन की मांग की। उप सरपंच ने कहा, “सीईओ ने कहा कि 100000 रुपये की फाइल के लिए 5000 रुपये का कमीशन देना होगा। जब मैंने कहा कि मेरे पास अभी पैसे नहीं हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी बाबुओं को मना किया है कि बिना पैसे के कोई भी फाइल नहीं भेजी जाएगी।”
 प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
कन्हेया कुमार जायसवाल ने इस व्यवहार को निंदनीय बताते हुए कलेक्टर महोदय से प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, “हम सभी जनप्रतिनिधि सीईओ के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करते हैं। यह व्यवहार हमारे अधिकारों का उल्लंघन है और हमें अपने कार्यों को निष्पक्षता से करने का अधिकार है।”
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है 
हालांकि, यह घटना पंचायत प्रतिनिधियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। यदि इस मामले की जांच की जाती है, तो यह स्पष्ट होगा कि क्या सीईओ के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं।
कन्हेया कुमार जायसवाल का यह आरोप प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और नैतिकता की आवश्यकता को उजागर करता है। यदि इस मामले की सही तरीके से जांच की जाती है, तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकारों का सम्मान मिले और भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं। स्थानीय नागरिकों और पंचायत प्रतिनिधियों की नजरें अब इस मामले पर हैं, और वे उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

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