अंगद के पैर की तरह जमे है कोरिया वन मंडल में पदस्त एसडीओ,प्रमोशन के बाद प्रमोशन कभी नही हुआ ट्रांसफ..
कोरिया वन मंडल वन क्षेत्रों की हरियाली जबरजस्त जो रमा वो गरमाया कोरिया वन मंडल के बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के रेंजर अखिलेश मिश्रा का प्रमोशन सहायक वन संरक्षक (एसडीओ) पद पर कांग्रेस सरकार रहते वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 1 – 20 /2021/10-1 दिनाँक 29/12/2020 को किया गया । रेंजर साहब अब रेंजरों के साहब बन गए लेकिन कोरिया की हरियाली से इतना गाढ़ा मोह की प्रमोशन बाद भी कोरिया वन मंडल में ही नवीन पदस्थापना मिला और आज 3 साल से अधिक का समय बीत गया है और साहब जमे हुए है। इस बीच साहब ने कई आरोपो का भी सामना किया लेकिन मजाल है कि साहब पर कोई आंच आ जाए साहब अंगद के पैर से थोड़े ही कम है कि कही और अन्यत्र छाओ में चले जाएं अड़े रहे खड़े रहे और सामान्य वन परिक्षेत्र के बाद पार्क एसडीओ का भी प्रभार साहब के झोली में आ गया । और दायित्वों का निर्वहन करते करते हाल में एक टाइगर की मौत हो गई । लापरवाही के कारण बीड गार्ड,डिप्टी रेंजर,रेंजर निलंबित हो गए । लेकिन साहब की कुर्शी नही हिली, बाघ मौत मामले में जांच प्रक्रियाधिन है। लेकिन जिस रफ्तार से तीन वन कर्मियों को निलंबित किया गया उस हिसाब से कम से कम सहायक वन संरक्षक को बाघ मौत की जांच मामले से दूर तो रखना लाजमी था । इनके ही क्षेत्र में बाघ की मौत हुई और वही पैरवी कर रहे जो निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है। जब इनका पूरा नौकरी काल ही कोरिया वन मंडल में बीत जा रहा गिनते के कुछ महीने बचे है । ट्रांसफर के बजाए इनका सिर्फ प्रमोशन हुआ है। इनके रहते ये बात चर्चाओं में है बाघ की मौत जांच प्रक्रिया संदेह के दायरे मंडरा रही है। वैसे बता दे सायद इससे पूर्व दो बाघों की मौत को भी इन्होंने करीब से जाना है। क्योंकि इनका पूरा नौकरी का चक्र कोरिया वन मंडल से शुरू होकर कोरिया वन मंडल में ही खत्म होने के कगार पर है। इस दौरान क्षेत्र में तीसरे बाघ की मौत हुई है। आज एसडीओ है । पर पूर्व में रेंजर या फिर डिप्टी रेंजर के पद पर थे । सूत्रों की माने तो साहब प्रभारी डीएफओ या फिर असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर आसीन होने का सपना संजो रहे है। अगले पेज में पूरी बात ।