Chhattisgarhकोरिया

पुलिया निर्माण के लिए खोदा गड्ढा अब बारिस में ग्रामीणों के लिए बना सिर दर्द,जेब मे रुपए रख मजे में जिम्मेदार..

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कोरिया(छत्तीसगढ़)सोनहत विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मेंढ्राकला के आश्रित ग्राम रजपुरी पहुच मार्ग में लगभग 6 महीने पूर्व पुलिया निर्माण के खोदे गए गड्ढे आज भी भरे नही है। ग्रामीण राहगीर परेशान है। जिम्मेदार निर्माण कार्य के नाम पर सिर्फ गड्ढे ही खोदवा पाए मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली रजपुरी मुख्य मार्ग का गड्ढा अब बारिस में जी का जंजाल और जान लेवा बना हुआ है। आपको बता दे इस मार्ग के अगल बगल खेत है जिनमे कृषि कार्य शुरू हो गए है और मार्ग कच्ची होने से बारिस के दौरान कीचड़ नुमा हो जाता है जिनसे ये गढ्ढे और भी खतरनाक हो सकते है गड्ढे में जल भराव में राहगीर वाहन सहित स्लिप हो कर गिर सकते है। जिससे बड़ी घटना हो सकती है संबंधित जिम्मेदार है कि इस ओर ध्यान नही देते मजबूरी में ग्रामीणों ने आधे गढ्ढे को श्रम दान कर कुछ हद तक आवागमन युक्त बनाया है। लेकिन ग्रामीण परेशान है और जिम्मेदार प्रथम क़िस्त राशि जेब मे लिए मस्त है।
निर्माण कार्य मे लेट लतीफा
ग्रामीणों का कहना है कि 6 महीने पूर्व से पुलिया निर्माण के लिए फाउंडेशन के लिए गड्ढे खोदे गए है। लेकिन भरने का काम नही किया गया बारिस से जल भराव और कीचड़ फैला है । बगल खेत से अवा गमन होता था । लेकिन कृषि कार्य शुरू होते ही बंद हो गया है। जिससे आवागमन बाधित हो गया था । श्रम दान कर वैकलिपक व्यवस्था हम लोगो ने आवागमन के लिए बनाया है। समय से निर्माण कार्य पूर्ण नही होना सिर का दर्द बन गया है। इस दर्द को फैलाने वाले सम्बंधित जिम्मेदार को ग्रामीण की असुविधा से कोई सरोकार नही है। निर्माण कार्य की प्रथम किस्त राशि आहरण कर मजे में है।
मैदानी इंजीनियर भी मौन
आरईएस विभाग की सिविल इंजीनियर एवं पुलिया निर्माण कार्य से संबंधित सभी जिम्मेदार खामोश है। प्रथम क़िस्त की राशि आहरण कर निर्माण कार्य मे तेजी लाने कोई सक्रियता नही दिखा रहा है। अगर कोई अनचाही घटना घटित होती है तो जिम्मेदारी किसकी होगी ये सबसे बड़ा सवाल है?
हाल ही में एक बच्चे की हुई है मौत
ग्राम पंचायत चेरवापारा के रक्या गांव में आंगनबाड़ी के समीप सोखता गड्ढा निर्माण के लिए गड्ढा खोद कर छोड़ दिया गया था बारिस से जल भराव में खेलते खेलते बच्चा जा गिरा जिसकी मौत हो गई। पंचायत सचिव को निलंबित कर सरपंच के ऊपर जांच की कार्यवाही बैठा दी गई है। लेकिन इस कार्यवाही से क्या माँ की गोद फिर से भर जाएगी। क्या पुत्र वियोग खत्म हो जाएगा । नही लापरवाही की इतनी छोटी सजा जिसमे मासूम की जान गई है। बड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। दूसरी तरफ इतने बड़े हादसे के बाद भी स्थानीय जिम्मेदार सबब नही ले रहे विकास नाम पर खोदे गए गढ्ढो को मौत का कुँवा बना कर छोड़ दिया है। और आराम से प्रथम क़िस्त राशि पाकिट में भर कर मजे से घूम रहे है।
मामले को गंभीरता से लिया आरईएस एसडीओ ने
मामले को जब हमने आरईएस एसडीओ सोनहत के समक्ष संज्ञान में लाया तो उन्होंने कहा है ऐसे मामलों को उच्य अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। बारिस का मौषम है । गढ्ढो में जल भराव से हादसों  का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। जल्द ही उचित कार्यवाही की जाएगी।

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