Chhattisgarhकोरिया
क्या ? बाघ की मौत के बाद हटाए जाएँगे एसडीओ और डीएफओ,बवाली जिलों के प्रशासनिक मुखिया बदले गए थे…
कोरिया(छत्तीसगढ़) :- कोरिया वन मंडल के असिमांकित क्षेत्र में 8 नवंबर को मिले मृत बाघ के शव ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया । अभी तक बाघ के मौत के कारण स्पष्ट नही हो सके है। इस बीच बीड गार्ड , डिप्टी रेंजर और रेंजर निलंबित किए जा चुके है। आपको बता दे कि इन क्षेत्रों में हाल ही में बाघ की मौत के बाद मरने वाले बाघों की संख्या तीन हो गई है। दूसरे टाइगर की मौत लगभग दो से तीन साल पूर्व हुई थी । जिसकी मौत जहर खुराकी से हुई थी। हाल ही में कोरिया जिला स्थित गुरु घासी दास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने कैबिनेट की मुहर लगी है। बताने का मतलब साफ है कि इन क्षेत्रों में बाघ की आमद लगातार बनी रहती है। विचरण के लिए अच्छा क्षेत्र है। तीसरे बाघ की मौत ने जिम्मेदारों की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है।
टाइगर की मौत,लापरवाह विभाग
टाइगर के मूवमेंट लगातार इस क्षेत्रो में बनी रहती है। बड़ी विडंबना की बात तीसरे बाघ की मौत में रही कि वन विभाग के संबंधित जिम्मेदारों को बाघ की आमद , लोकेशन,कहा से आया,कब आया ये भी पता नही था । हद तो तब हुई जब तीन से चार दिनो से मृत बाघ नदी किनारे पड़ा रहा और विभाग को भनक तक नही सोसल मीडिया में मृत बाघ का वीडियो वायरल हुआ तब विभाग में अफरा तफरी मंची और बड़े श्रद्धा भाव के साँथ वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी मौके पर पहुचे । और विधि अनुरूप आगे की प्रक्रिया पूर्ण की गई। और आगे की कार्यवाही में लापरवाही के आरोप में तीन वन कर्मी बिड गार्ड,डिप्टी रेंजर सहित रेंजर को निलबिंत कर दिया गया गया । निलंबित वनकर्मियों के ऊपर बैठे अधिकारी के अधिनस्त कर्मचारी उनकी सुनते नही है या फिर साहब का ही मन वन सम्पदा और वन प्राणी संरक्षण में नही लगता समय समय पर अधिनस्त कर्मचारियों से जंगल की वास्तविक जानकारी न लेना स्वयं वन क्षेत्र का दौरा निरीक्षण न करना कई ऐसे सवाल है जो तीन वन कर्मियों के निलंबन से उठते है। जो सीधा उप वन मंडलाधिकारी के दायित्वों को उजागर कर रहे है। उप वन मंडलाधिकारी टाइट होते तो अधिनस्त कर्मचारी नदारत नही होते । जरूरत है कोरिया वन मंडल में कई दसको से कार्यभार सम्हाल रहे जिम्मेदारों को नींद से जगाने के एक स्थान पर जमे जमे वास्तविक दायित्वों को भूल कर गहरी नींद फरमा रहे और वन सम्पदा का दोहन, वन प्राणी की मृत्यु नही रोक पा रहे है। अगले पेज में पढ़िए कोरिया वन मंडल का मास्टर माइंड मठाधीस
अब तक तीन जिलों के कलेक्टर एसपी बदले गए
छत्तीसगढ़ में सुशासन की सरकार कहे जाने वाले विष्णु देव साय की सरकार ने कवर्धा कांड,बलौदाबाजार हिंसा और सूरजपुर बवाल के बाद कलेक्टर सहित एसपी मतलब जिले के कप्तानो को हटा दिया । बाघ की मौत कोई छोटी घटना नही पूरे देश की नजर बाघ संरक्षण पर है। देश भर में गिनती के बाघ बचे है। बाघों के संरक्षण के लिए वन्यजीव(संरक्षण)अधिनियम,1972 के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)का गठन किया गया था । इस अधिनियम को 2006 में बाघ संरक्षण को मजबूत करने के लिए संसोधन किया गया। देश का इतना बड़ा कानून और उसके रखवाले लापरवाह । लापरवाही की बात निलंबन आदेश स्पष्ट करते है। अब देखना होगा दसको से जमे कोरिया वन मंडल के अधिकारियो के खिलाफ विष्णु देव सरकार बाघ मृत्यु मामले में क्या एक्सन लेती है। या फिर चौथे बाघ के मृत्यु का इंतजार करते रहेंगे । कोरिया वन मंडल के अधिकारियों से अधिनस्त कर्मचारी तो सम्हले नही जा रहे वन और वन प्राणी संरक्षण कोसो दूर नजर आते है।