कोरबा

बारिश ने गर्मी से दिलाई राहत तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रो में विद्युत व्यवस्था बुरी तरह चरमराई, कई दिनों तक गायब रहती है गांवों की बिजली, लोगों की बढ़ी परेशानी…

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कोरबा/पाली – एक ओर जहां मानसून की शुरुआत हो चुकी है और हो रहे मूसलाधार बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है तो वहीं दूसरी ओर कई समस्याएं भी लेकर आयी है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश की वजह से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई है। जिससे ग्रामीण परिवेश का जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विकासखण्ड पाली के ग्रामीण इलाकों की बिजली बारिश की वजह से कई दिनों तक गुल रहने के कारण लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। साथ ही गांवों के अंधेरे में डूबने से जमीन पर रेंगने वाले विषैले जीव- जंतुओं का खतरा भी बढ़ गया है। हालंकि विद्युत विभाग द्वारा फॉल्ट सुधारने का काम जारी है लेकिन मानसून पूर्व विद्युत मेंटनेंस के बाद भी आंधी व बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली गुल होना, पुराने खम्भों का टूटना, तार का टूटना समझ से परे है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है और गांवों में अधिकतर अंधेरा पसरा रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत बाधित को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो मिट्टी का तेल सस्ता और कोटे से मिल जाता था तो बिजली न होने पर भी इतनी दिक्कत नही होती थी। लेकिन अब तो पिछले कई सालों से मिट्टी का तेल भी नही मिलता। जिससे मोमबत्ती या टार्च हर समय रखना पड़ता है। वहीं इतनी भी आय नही की हर थोड़े दिन पर टार्च में नए सेल डलवा सकें। महंगाई भी इतनी बढ़ गई है कि सरसो का तेल भी महंगा हो गया है। ऐसे में गरीब परिवार या तो इस तेल का इस्तेमाल खाना बनाने में कर ले या फिर दिया जलाने में। इस हालात में बिजली न आने पर कई दिन अंधेरे में बिताने पड़ते है। वहीं विद्युत अधिकारी का कहना है कि कई बार बारिश आंधी के दौरान गांवों में बिजली के तार पर पेड़ की डंगाल गिरने से तार टूट जाते है व अन्य कारणों से बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। जिन्हें बनाने में एक दो दिन लग ही जाता है। बिजली सुधार कार्य मे कर्मचारी दिन- रात लगे हुए है और प्रभावित जगहों पर मरम्मत कार्य जारी है। विद्युत विभाग की टीम द्वारा समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है।

पेयजल व रोजमर्रा के कार्य प्रभावित

ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति कई कई दिनों तक बाधित होने से लोगों के दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे है। बिजली न होने से लोगों के रोजमर्रा के कामकाज में कठिनाई हो रही है। घरों में खाना बनाने, पानी की आपूर्ति और अन्य घरेलू कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। बिजली की समस्या के चलते लोगों को पेयजल के लिए काफी दिक्कतें हो रही है। जब बिजली नही रहती तब पानी का मोटर भी नही चल पाता और ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए इधर- उधर भटकना पड़ता है।

व्यापार पर प्रभाव

बिजली नही रहने से ग्रामीण इलाकों के व्यापार भी प्रभावित हो रहे है। छोटे और मध्यम व्यवसायों को विशेष रूप से नुकसान हो रहा है। क्योंकि उनकी अधिकांश गतिविधियां बिजली पर निर्भर करती है। दुकानदारों को अपने स्टॉक को सुरक्षित रखने में कठिनाई हो रही है। इस स्थिति में व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान पहुँच रहा है।

शिक्षा प्रणाली पर असर

गांवों में एक से अधिक दिन तक बिजली नही होने से शिक्षा प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं का बिजली न होने के कारण पढ़ाई कार्य प्रभावित हो रहा है साथ ही ऑनलाइन कक्षाएं भी प्रभावित हो रही है तथा पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रहा है। इस स्थिति में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं काफी परेशान है।

ग्रामीण क्षेत्रो में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विद्युत बाधित का असर पड़ रहा है जहां गांव के उप व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली न होने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और स्वास्थ्य विभाग में जनरेटर व अन्य वैकल्पिक उपायों का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन यह पर्याप्त साबित नही हो पा रहा है। इससे मरीजों को भी समय पर इलाज नही मिल पा रहा है।

भविष्य की संभावनाएं

मानसून के शुरुआत के साथ अभी बारिश का पूरा समय बचा है। प्रशासन और विद्युत विभाग को चाहिए कि मिलकर एक दीर्धकालिक योजना बनानी होगी ताकि ऐसी स्थिति से निपटा जा सके और भविष्य में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो इसके लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है।

 

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