Chhattisgarhकोरिया
अवैध कमीशन मांगे जाने के आरोप पर अब जनपद सीईओ सोनहत के खिलाफ कोरिया कलेक्टर से लिखित शिकायत…

हाल ही में कोरिया के सोनहत जनपद सीईओ अभद्र व्यवहार औऱ 5 प्रतिशत कमीशन की मांग के आरोप को लेकर लगातार मीडिया में छाए हुए है। ये आरोप कोई आम आदमी नही बल्कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के नव निर्वाचित उप सरपंच है । जिन्हें जनता ने ग्राम पंचायत के विकास दर को तेजी से बढ़ोतरी के लिए भरोसा जताते हुए चुन कर पंचायत का हिस्सा बनाया है। अब सोचिए विकास कार्य मे ऐसे अफसर कमीशन की मांग करे तो विकास कार्य तो खोखला ही पैदा होगा क्योंकि फ़ाइल पास कराने के लिए उन्हें 5 प्रतिशत अवैध कमीशन साहब के हस्ताक्षर के लिए देना पड़ सकता है। जब अधिकारी की ऐसी सोच है। तो भ्रष्टाचार तो निर्माण कार्यो में लाजमी है। हालांकि अभी तक मामले में कोई ठोस एक्सन की दिशा नजर नही आ रही है। अब उप सरपंच ने कोरिया कलेक्टर को लिखित में जनपद सीईओ के खिलाफ पत्र सौंपा है। देखने वाली बात होगी कि क्या कड़ाई से मामले में जांच होगी या फिर अन्य मामलों की तरह जांच टीम गठित कर जांच रिपोर्ट का लंबा इंतजार होता रहेगा । आपको बता दे कि आज तक डस्ट बिन खरीदी मामले में कोई कार्यवाही न सुनाई न दिखाई दी बस जांच चल रही सायद यही कारण है कि भ्रष्टाचारीओ के हौशले बुलंद होते जा रहे है। और समय समय पर नए नए अध्याय की शुरुवात सुर्खिया बन रही है।
मामला
जनपद सीईओ सोनहत के अवैध उगाही के लगातार खुलते राज एक और आरोप आया समाने 4 महीने से लटकाया फाइल कमीशन की मांग
कोरिया का सोनहत विकासखण्ड कमीशन खोरी का गढ़ बनता जा रहा है। समय समय पर कमीशन की मांग को लेकर अधिकारी कर्मचारीओ पर आरोप लग रहे है। कड़ी कार्यवाही न होना कही न कही कमीशन खोरी के हौशले बुलंद कर रहा है। जो लगातार सुर्खिया बटोर रही है। सोनहत जनपद सीईओ से जुड़ा एक मामला जिसे एक दिन पूर्व ही प्रकाशित किया गया था । जिसके बाद दूसरा मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार उषा फ्लाई एस एवं बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर फर्म का फाइल 4 महीने से सोनहत जनपद सीईओ के टेबल में गोते लगा रहा है। फर्म संचालक का कहना है कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत सलगवाकला में आरसीसी पुलिया निर्माण के लिए मटेरियल सप्लाई किया गया था। वर्ष 2022 – 23 का निर्माण कार्य जो कि 24/10/24 को पूर्ण कर भौतिक सत्यापन सहित फाइल में निर्माण संबंधी समस्त दस्तावेज होने के बाद भी जनपद सीईओ हस्ताक्षर नही कर रहे है। 4 महीने से जनपद सीईओ सोनहत के टेबल में फाइल अटकी पड़ी है। जबकि इस बीच 2 से 3 बार अन्य मटेरियल सप्लायरों का भुकतान हो चुका है। इस बीच आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान करने का गंभीर आरोप फर्म संचालक ने लगाया है। जिसकी शिकायत भी जिला पंचायत सीईओ से की गई है। लेकिन अब तक समस्या का कोई समाधान नही निकल सका है।
इस मामले को तूल पकड़ता देख जनपद सीईओ सोनहत ने मटेरियल सप्लायर के फाइल पर हस्ताक्षर कर आगे बढ़ा दिया है। अफरा तफरी में जो फ़ाइल 4 महीने से अटकी थी खबर लगते ही दौड़ पड़ी कही न कही इससे साफ होता दिखाई दे रहा दया यहाँ कुछ तो गड़बड़ है। धारावाही सीआईडी का ये डाइलोक जनपद कार्यालय में फिट बैठता दिखाई दे रहा है।
सोनहत कमीशन खोरी का गढ़ ताजा मामलो में
1) स्वास्थ्य विभाग के बीडीएम ने प्रोत्साहन राशि का अवैध वसूली जिसका ऑडियो सामने आया । सुर्खिया बनी तो जांच कमेटी बनी
2)सोनहत जनपद सीईओ पर उप सरपंच ने लगाया कमीशन मांगे जाने का आरोप
3) सोनहत जनपद सीईओ पर कमीशन और आर्थिक, मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप फर्म संचालक ने लगाया
जब आका ही कमीशन की मांग करते हो तो पिद्दी काहे पीछे रहेंगे चौथे नम्बर पर है रोजगार सहायक
4) पीएम आवास योजना के तहत बने रहे आवास के सेकेंड क़िस्त के लिए हितग्राही परेशान है। रोजगार सहायक ने कहा 4 हजार दो तो जिओ टेक कर दिलाता हूं । मामला ग्राम पंचायत भैसवार के आश्रित ग्राम बदरा का है।
पेंडिंग जांच
सोनहत जनपद में डस्ट बिन खरीदी का मामला सामने आया था जिसमे ग्राम पंचायतों के 15वें वित्त राशि से लगभग 42 ग्राम पंचायतों में 49 हजार की राशि का भुकतान कराया गया जिसके तार भी जनपद कार्यालय से जुड़े थे । ये भी कांड तत्कालीन सीईओ के रहते ही हुए है। मामले में जांच कमेटी तो बैठाई गई लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही या स्पष्ठ तथ्य सामने नही आये है।
और भी कई मामले है उसके बाद भी न जाने ऐसे कमीशन खोरी को कहा से कृपा प्राप्त हो रही जो सोनहत क्षेत्र को दागदार बना कर मजबूती से सरकार द्वारा क्षेत्र को दी गई विकास कार्यो को दिमक की तरह चट कर अपनी जेब गर्म कर रहे है। आवश्यकता है कड़ाई से जांच और कड़ी कार्यवाही की तब जा कर विष्णु देव साय सरकार की जोरो टॉलरेंस नीति सोनहत में लागू हो सकेगी।
यह थी खबर…
जीरो टॉलरेंस की नीति पर साय सरकार इरादों पर सेंध लगाते सोनहत जनपद सीईओ,5 प्रतिशत घुस मांगे जाने का आरोप…
राशि की मांग सुन कर बिफरे उप सरपंच किया विरोध, प्रेस नोट जारी कर जनपद सीईओ सोनहत के खिलाफ खोला मोर्चा
कार्यवाही नही होने पर जनपद पंचायत घेराव की रणनीति तैयार करते स्थानीय जनप्रतिनिधि उग्र आंदोलन की चेतावनी
सोनहत ग्राम पंचायत चकडांड़ के नव निर्वाचित उप सरपंच कन्हेया कुमार जायसवाल ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) सोनहत पर घुसखोरी की मांग का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सीईओ ने पंचायत के कार्यों से संबंधित फाइलों के लिए उनसे पैसे की मांग की, जो कि प्रशासनिक नैतिकता के खिलाफ है।
घटना का विवरण
कन्हेया कुमार जायसवाल ने बताया कि जब वह अपने पंचायत के कुछ कार्यों की फाइलें लेकर सीईओ के चेंबर में गए, तो सीईओ ने उनके साथ अभद्रता की। उन्होंने कहा, “सीईओ ने मुझसे पूछा कि मैं कौन हूं और फाइलें किसने दीं। जब मैंने बताया कि मैं पंचायत का प्रतिनिधि हूं, तो उन्होंने कहा कि मुझे फाइलों को छूने का अधिकार नहीं है।”
इसके बाद, सीईओ ने फाइलों के लिए कमीशन की मांग की। उप सरपंच ने कहा, “सीईओ ने कहा कि 100000 रुपये की फाइल के लिए 5000 रुपये का कमीशन देना होगा। जब मैंने कहा कि मेरे पास अभी पैसे नहीं हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी बाबुओं को मना किया है कि बिना पैसे के कोई भी फाइल नहीं भेजी जाएगी।”
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
कन्हेया कुमार जायसवाल ने इस व्यवहार को निंदनीय बताते हुए कलेक्टर महोदय से प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, “हम सभी जनप्रतिनिधि सीईओ के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करते हैं। यह व्यवहार हमारे अधिकारों का उल्लंघन है और हमें अपने कार्यों को निष्पक्षता से करने का अधिकार है।”
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है
हालांकि, यह घटना पंचायत प्रतिनिधियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। यदि इस मामले की जांच की जाती है, तो यह स्पष्ट होगा कि क्या सीईओ के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं।
कन्हेया कुमार जायसवाल का यह आरोप प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और नैतिकता की आवश्यकता को उजागर करता है। यदि इस मामले की सही तरीके से जांच की जाती है, तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकारों का सम्मान मिले और भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं। स्थानीय नागरिकों और पंचायत प्रतिनिधियों की नजरें अब इस मामले पर हैं, और वे उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।