Chhattisgarhकोरिया
शासकीय धन संपत्ति की लूट,अब बचे है सिर्फ ठूंठ,जिम्मेदार सुस्त,ऐसा हो गया है कोरिया वन मंडल का दूत….
कोरिया वन मंडल की अजगब गजब दासता न बच रहा जंगल न प्लान्टेशन सुरक्षा घेरे में जंगल फिर भी मिलीभगत का है सुर जिम्मेदार हो गए सुस्त
कोरिया वन मंडल के सोनहत वन परिक्षेत्राधिका कार्यालय से महज दो से तीन किलोमीटर दूर बेलिया वन मार्ग रहटा डबरा नाला औऱ हसदो नदी के बीच दसको पुराना बेस कीमती सागवन प्लान्टेशन जिम्मेदारों की लापरवाही से उजड़ रहा दिन दहाड़े सागवन के बड़े बड़े वृक्षो की अवैध कटाई और तस्करी हो जा रही विभागीय जिम्मेदार कुभकर्णीय नींद में मस्त है। अब प्लान्टेशन में अधिकतर सागवन वृक्ष के बचे ठूंठ ही ठूंठ नजर आते है। बार बार खबर प्रकाशित के बाद भी विभाग के निचले न उच्य अधिकारियों ने संज्ञान लिया नतीजा शासन के रुपए बर्बाद जिसका सीधा लाभ तस्करों और मिलीभगत को मिला शासन के हिस्से में बच रहा तो सिर्फ ठूंठ ।
प्लान्टेशन के बीचों बीच वाहन लीग
जंगल के बीच प्लान्टेशन एरिया में पहुचने के लिए बाकायदा भारी वाहनों के लीक बने हुए है जो बेलिया मुख्य वन मार्ग से जंगलों के बीच से होता हुआ हसदो नदी तक जाता है। बताया जाता है कि भारी वाहन रोजाना इस मार्ग से होकर रेत के अवैध उत्खनन के लिए हसदो नदी तक जाते है। अवैध परिवहन भी इस मार्ग से होता है। राह आसान थी इस लिए देखते देखते बेस कीमती सागवन प्लान्टेशन भी लकड़ी तस्करों के आंख लग गई और उजाड़ डाला सागवन प्लान्टेशन हांथ पर हांथ धरे बैठे रहे वन विभाग के जिम्मेदार
खबर के बाद भी मार्ग को बंद नही किया
कई बार सागवन प्लान्टेशन से अवैध कटाई और तस्करी की खबर प्रमुखतः से प्रसारित की गई लेकिन वाह रे कोरिया वन मंडल से संबंधित जिम्मेदार मजाल है कि कोई ठोस कदम उठा ले आज भी अवैध तस्करी का द्वार बंद नही हुआ है न ठोस कड़ी निगरानी की जाती है। उसी मार्ग से रोजाना रेत का अवैध परिवहन हसदो नदी से होता है । मजाल है कि वन अमला लगाम लगा दे।
कौन पहुंचा रहा नुकसान चर्चाओं में है ये लब्ज
बद किस्मत है, वह आवाम जिसकी आंखों के सामने जीवन उपयोगी वन क्षेत्र मैदानी रूप ले रहा है। विडम्बना यह है कि, इस कारगुजारी को अंजाम कोई और नहीं, बल्कि वन विभाग के अनेक नुमाइंदे मिलकर पहुंचा रहे हैं। यह वो जालसाज हैं, जो शासकीय संपत्ति के पतन के साथ शासन को बेहिसाब चूना लगाकर स्वयं की जेबें भरते हैं। ऐसा प्रतीत होता है?क्योंकि कार्यवाही कुछ होती नही ? सम्बंधित अधिकारी भी इस मामले में मौन साधना साधे हुए है।
जिला प्रशासन सख्त,वन विभाग सुस्त
वन क्षेत्रों से अवैध रेत उत्खनन और परिवाहन की खबर पर एक्सन लेते हुए कोरिया कलेक्टर ने सख्त रवैया अपनाते हुए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया साँथ ही ये स्पष्ट किया है कि अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसी गतिविधियों की जानकारी संबंधित विभाग को दें। यह कदम प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और कानून के सख्त पालन के लिए उठाया गया है।
लेकिन अभी तक वन विभाग के अधिकारी की अवैध गतिविधि से संबंधित कोई रियेक्सन नही आया जो कई सवालों को जन्म देता है?